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16 Jul 2024 · 1 min read

शायद अब यह हो गया,

शायद अब यह हो गया,
गिरगिट को आभास ।
नहीं सुरक्षित आजकल,
इंसानों में वास ।।

सुशील सरना / 16-7-24

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