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18 Jul 2017 · 1 min read

शाम – ए- दिल्ली

अजब सी कैफियत में दिल लिए घुम रहा दिल्ली.
शहरी हलचल की तस्ववुर में झुम रही दिल्ली.
बैचेन सभी हसीन चेहरे शौख -ए- नजर.
कितनी गुमानियत में फिर रही दास्ताख -ए-डेल्ही.
जरा आंखो को दे गुमशुदगी का तौहफा.
दिल यूं ही तलाश रही पहचान मेरी दिल्ली.

#अवध

Language: Hindi
1121 Views
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