*शाबास गिलहरी रानी (बाल कविता)*
शाबास गिलहरी रानी (बाल कविता)
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सभी जानवर लगे काम में
जंगल स्वच्छ बनाने
भालू चीता बन्दर बिल्ली
झाडू लगे लगाने
एक गिलहरी सोच रही थी
कैसे हाथ बटाऊँ
कैसे जंगल स्वच्छ बनाने
में मैं नाम लिखाऊँ
सुबह-शाम तक बेचारी ने
भारी जोर लगाया
पूँछ हिलाकर उससे कूड़ा
मुट्ठी-भर हट पाया
जंगल का राजा बोला
“शाबास गिलहरी रानी
रामसेतु में भी तुम ही थीं
अब फिर वही कहानी”
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451