शान्त प्रशान्त कलाकार
**शांत प्रशांत कलाकार**
*********************
सांवले रंग का नौजवान,
मिसरी सी मीठी है जुबान।
मुख से मुखरित कम बोल,
करके दिखाए नहीं दे ज्ञान।
हुनर से लामबंद हुनरमंद,
जबरदस्त होनहार इंसान।
सागर सा शान्त है प्रशांन्त,
हिम सा श्वेत शीत जवान।
ईमानदारी का है खजाना,
मेहनतकश है बढ़ाए मान।
वस्तु की बदले दे तस्वीर,
कला का ज्ञानी है सुजान।
हर्षित पुलकित रहे सदा,
मुख पर रहे सदा मुस्कान।
ऑफिस में है वो सर्वप्रिय,
बढ़ा देता है सबकी जान।
मनसीरत करता गुणगान,
हटकर है प्रशांत पहचान।
*******************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)