Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2023 · 1 min read

शान्ति-प्रस्ताव

तुम्हारे, शान्ति के
समस्त प्रस्ताव
कहाँ, चले जाते हैं?
जब शहरों पर
बम बरसायें जाते हैं।

स्तनपान कराती,
माँओं के
स्तन
भाप बनकर
उड़ जाते हैं,
दीवारों की एकता
खंडित-खंडित हो जाती है,
सड़कों पर
तारकोल नहींं
लहू और शरीर के
चीथड़े
श्मशान की
बाट देखते रहते हैं;
शहर की ऑक्सीजन
धुएँ से रिश्तेदारी
जोड़ लेती है
और घूमने निकल पड़ती है
शहर को छोड़कर
आकाश में,
आकाश के नीचे
एक धुँधली चादर
बिछा दी जाती है।

शान्ति के प्रस्तावों पर
हिंसा, पेशाब करके
लौट जाती है—

बुद्धिजीवी
कुछ दिन चिंता करके
शान्ति प्रस्तावों में
संशोधन करने के लिए
बुलाते हैं
एक शिखर सम्मेलन
और बना देते हैं
नए प्रस्ताव;
अगली बार
फिर से कोई
सिरफिरा शासक
पेशाब कर देता है
इन प्रस्तावों पर—
यही क्रम
लगातार
चलता रहता है
और इसकी भेंट
चढ़ते रहते है
कुछ, मेरे जैसे।

Language: Hindi
90 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
होलिका दहन कथा
होलिका दहन कथा
विजय कुमार अग्रवाल
सियासत जाती और धर्म की अच्छी नहीं लेकिन,
सियासत जाती और धर्म की अच्छी नहीं लेकिन,
Manoj Mahato
अच्छा है कि प्रकृति और जंतुओं में दिमाग़ नहीं है
अच्छा है कि प्रकृति और जंतुओं में दिमाग़ नहीं है
Sonam Puneet Dubey
पितरों का लें आशीष...!
पितरों का लें आशीष...!
मनोज कर्ण
हिन्दी भाषा
हिन्दी भाषा
surenderpal vaidya
हसदेव बचाना है
हसदेव बचाना है
Jugesh Banjare
ग़ज़ल _ तुम फ़ासले बढ़ाकर किसको दिखा रहे हो ।
ग़ज़ल _ तुम फ़ासले बढ़ाकर किसको दिखा रहे हो ।
Neelofar Khan
रख अपने वास्ते
रख अपने वास्ते
Chitra Bisht
कोई काम हो तो बताना
कोई काम हो तो बताना
Shekhar Chandra Mitra
क्या हुआ ???
क्या हुआ ???
Shaily
वह कहते हैं, बच कर रहिए नज़र लग जाएगी,
वह कहते हैं, बच कर रहिए नज़र लग जाएगी,
Anand Kumar
आ बैठ मेरे पास मन
आ बैठ मेरे पास मन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आज का युवा कैसा हो?
आज का युवा कैसा हो?
Rachana
23/178.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/178.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जो अपनी ग़म-ए-उल्फ़त से गिला करते हैं,
जो अपनी ग़म-ए-उल्फ़त से गिला करते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"तासीर"
Dr. Kishan tandon kranti
रमेशराज की 3 तेवरियाँ
रमेशराज की 3 तेवरियाँ
कवि रमेशराज
❤️ DR ARUN KUMAR SHASTRI ❤️
❤️ DR ARUN KUMAR SHASTRI ❤️
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रात की नदी में
रात की नदी में
पूनम कुमारी (आगाज ए दिल)
शेख़ लड़ रओ चिल्ली ते।
शेख़ लड़ रओ चिल्ली ते।
*प्रणय प्रभात*
याद कितनी खूबसूरत होती हैं ना,ना लड़ती हैं ना झगड़ती हैं,
याद कितनी खूबसूरत होती हैं ना,ना लड़ती हैं ना झगड़ती हैं,
शेखर सिंह
अहंकार और अधंकार दोनों तब बहुत गहरा हो जाता है जब प्राकृतिक
अहंकार और अधंकार दोनों तब बहुत गहरा हो जाता है जब प्राकृतिक
Rj Anand Prajapati
चार लोग क्या कहेंगे?
चार लोग क्या कहेंगे?
करन ''केसरा''
Tum toote ho itne aik rishte ke toot jaane par
Tum toote ho itne aik rishte ke toot jaane par
HEBA
पूछो हर किसी सेआजकल  जिंदगी का सफर
पूछो हर किसी सेआजकल जिंदगी का सफर
पूर्वार्थ
*रामपुर से प्रकाशित हिंदी साप्ताहिक पत्रों से मेरा संबंध*
*रामपुर से प्रकाशित हिंदी साप्ताहिक पत्रों से मेरा संबंध*
Ravi Prakash
नववर्ष
नववर्ष
Mukesh Kumar Sonkar
कठिन समय आत्म विश्लेषण के लिए होता है,
कठिन समय आत्म विश्लेषण के लिए होता है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
वो बदल रहे हैं।
वो बदल रहे हैं।
Taj Mohammad
चाँद शीतलता खोज रहा है🙏
चाँद शीतलता खोज रहा है🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...