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28 Jul 2020 · 1 min read

शानदार हंसना रोना दोनों था

शानदार हंसना रोना दोनों था
मैंने हंसी को चुना
चेहरे की दीवार पे
गिरते मुस्कानों के परछाईं को
मैंने कभी नहीं गिना
~ सिद्धार्थ
जो गुजर गया वो ख़ाब था
जिसका इंतजार है
वो जीवन का असबाब है
~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 184 Views
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