शादी शुदा कुंवारा (हास्य व्यंग)
आदमी कितनी भी शादी कर ले,
थोड़ा बहुत कुंवारा रह जाता है।
बच्चे जितने भी हो जाए उसके,
थोड़ा बहुत बचपना रह जाता है।।
शादी शुदा कुंवारा बड़ा मिलनसार होता,
वह सबसे मिलने को बड़ा आतुर होता।
मिलने को पत्नी की सहेलियां जब आती,
क्रीम पाउडर लगाकर पहले तैयार होता।।
शादी शुदा कुंवारा पड़ोसन का ख्याल रखता,
उसके पति के आने जाने पर निगाह रखता।
अगर उसका पति दो दिन अपने घर न आये,
उसकी गुमशुदा रिपोर्ट लिखी तैयार रखता।।
शादी शुदा कुंवारा बड़ा सरल स्वभाव है रखता,
घर में काम करने वाली बाई पर निगाह रखता।
उसके आगे करीना कपूर भी क्या सुंदर होगी,
उसी को वह करीना कपूर की तरह ही रखता।।
शादी शुदा कुंवारा हमेशा मौन प्रेम करता,
एक से नही दस बारह से मौन प्रेम करता।
इस मौन प्रेम का किसी को पता न होता,
उसी को पता नही जिससे वह प्रेम करता।।
शादी शुदा कुंवारा हमेशा परेशान ही रहता,
वह अपनी परेशानी किसी से भी न कहता।
यह गुण केवल शादी शुदा कुंवारा में ही नही
बल्कि आज यह गुण हरेक शादी शुदा में रहता।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम