Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jan 2024 · 1 min read

शादीशुदा🤵👇

दिशा बदली, दशा बदली तयशुदा है ज़िन्दगी |
देर तलक सोते थे मर्जी से, आज उठने की भी जल्दी है||

खेलना,खाना, गाना,घूमना ,
आना-जाना बडी तल्खी से|
आज हिसाब – व्यवहार, सभी से,
तोलना ,न बोलना गलती से ||

ये पसन्द, वो खराब चीज है, आदतें पहले-पहल हमारी |
अब चीजों को देना तवज्जो, जमी बदलती समझदारी ||

बारिश में हरदम नहाना,
हवा चले तो हुहा मचाना|
आज सूखाये उठाना कपड़े,
बारिश – हवा से डर जाना।।

एक कमरे पर राज हमारा, साड्डा हक़ मनमर्जी का |
बंटा हिस्सों में अब हर कोना, जीवन बना बेपेंदी का।।

समय बंट गया, राज खुल रहा,
दिल और आदत की रुसवाई का|
बर्तन बदले, खर्च नये आ गये ,
जरूरत एक से दहाई का||

घर एक ही, जुडते रहे जोडे ,जरूरतों के काम से |
दो अनजान, जुड़े परस्पर शादी रिवाज के नाम से ||

भैया सैय्या होकर अंकल,
बच्चे को सुनाता ट्विंकल |
तन संसारी, मन संस्कारी ,
परहितकारी हां! शादी-शुदा है||

2 Likes · 3 Comments · 154 Views

You may also like these posts

"पुराने मित्र"
Rahul Singh
"आपदा"
Dr. Kishan tandon kranti
कवि हूँ मै ...
कवि हूँ मै ...
Abasaheb Sarjerao Mhaske
दस्तावेज बोलते हैं (शोध-लेख)
दस्तावेज बोलते हैं (शोध-लेख)
Ravi Prakash
हम तुम्हें
हम तुम्हें
Dr fauzia Naseem shad
माँ
माँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
बेटी की पुकार
बेटी की पुकार
लक्ष्मी सिंह
14--- 🌸अस्तित्व का संकट 🌸
14--- 🌸अस्तित्व का संकट 🌸
Mahima shukla
कलानिधि
कलानिधि
Raju Gajbhiye
कितनी अजब गजब हैं ज़माने की हसरतें
कितनी अजब गजब हैं ज़माने की हसरतें
Dr. Alpana Suhasini
झाग गुमसुम लहर के आंँसू हैं
झाग गुमसुम लहर के आंँसू हैं
Sandeep Thakur
जीवन में प्रेम और ध्यान को मित्र बनाएं तभी आप सत्य से परिचित
जीवन में प्रेम और ध्यान को मित्र बनाएं तभी आप सत्य से परिचित
Ravikesh Jha
जिंदगी है तुझसे
जिंदगी है तुझसे
Mamta Rani
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
तितली-पुष्प प्रेम :
तितली-पुष्प प्रेम :
sushil sarna
कातिल है अंधेरा
कातिल है अंधेरा
Kshma Urmila
दाता
दाता
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
..
..
*प्रणय*
शख्शियत
शख्शियत
आर एस आघात
वादा
वादा
Bodhisatva kastooriya
सर्द हवाएं
सर्द हवाएं
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
स्तुति - गणपति
स्तुति - गणपति
DR ARUN KUMAR SHASTRI
महिमा है सतनाम की
महिमा है सतनाम की
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
3286.*पूर्णिका*
3286.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*भरोसा हो तो*
*भरोसा हो तो*
नेताम आर सी
शतरंज
शतरंज
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
#ਮੇਰੇ ਉੱਠੀ ਕਲੇਜੇ ਪੀੜ
#ਮੇਰੇ ਉੱਠੀ ਕਲੇਜੇ ਪੀੜ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
आँगन की दीवारों से ( समीक्षा )
आँगन की दीवारों से ( समीक्षा )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
वो भी तिरी मानिंद मिरे हाल पर मुझ को छोड़ कर
वो भी तिरी मानिंद मिरे हाल पर मुझ को छोड़ कर
Trishika S Dhara
मुझे बिखरने मत देना
मुझे बिखरने मत देना
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Loading...