Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2023 · 1 min read

शाकाहार बनाम धर्म

शाकाहार बनाम धर्म
~~°~~°~~°
शाकाहार ही है, धर्म का पहला आधार
चाहे कोई भी धर्म हो,शुध्द होवे आहार
हिंसा है यदि निर्दोष के प्रति,तो धर्म कैसा
दया करूणा से ही होता, सबका उद्धार

मांस अस्थि रूधिर से,मन करता ओछा व्यवहार
भावनाओं को मारकर,जीता नहीं किसी ने संसार
जैनियों को ही हम,ईश्वर के नजदीक क्यों न माने
जहाँ मानव पशु पक्षी,लगते सदा एक ही परिवार

करते जो भी जन,परमेश्वर से प्रेम का इज़हार
करते वो नहीं कभी,निर्दोष पशुओं का शिकार
मन आह्लादित होता है, जीवमात्र को देखकर
बड़ा ही अनुपम है दोस्तों,भावनाओं का मनुहार

मौलिक और स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – १५ /०२ /२०२३
फाल्गुन ,कृष्ण पक्ष ,नवमी,बुधवार
विक्रम संवत २०७९
मोबाइल न. – 8757227201
ई-मेल – mk65ktr@gmail.com

3 Likes · 2 Comments · 417 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from मनोज कर्ण
View all
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
नरसिंह अवतार विष्णु जी
नरसिंह अवतार विष्णु जी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शेर-
शेर-
*प्रणय*
"फितरत"
Ekta chitrangini
चश्मा साफ़ करते हुए उस बुज़ुर्ग ने अपनी पत्नी से कहा :- हमार
चश्मा साफ़ करते हुए उस बुज़ुर्ग ने अपनी पत्नी से कहा :- हमार
Rituraj shivem verma
सत्य की खोज
सत्य की खोज
लक्ष्मी सिंह
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
देखिए प्रेम रह जाता है
देखिए प्रेम रह जाता है
शेखर सिंह
"शुभकामना और बधाई"
DrLakshman Jha Parimal
आन-बान-शान हमारी हिंदी भाषा
आन-बान-शान हमारी हिंदी भाषा
Raju Gajbhiye
दरवाजा खुला छोड़ा था की खुशियां आए ,खुशियां आई भी और साथ में
दरवाजा खुला छोड़ा था की खुशियां आए ,खुशियां आई भी और साथ में
Ashwini sharma
किताबों के भूत
किताबों के भूत
Dr. Rajeev Jain
*राधा-कृष्ण मंदिर, किला कैंप, रामपुर: जिसकी प्राचीन मूर्तियॉ
*राधा-कृष्ण मंदिर, किला कैंप, रामपुर: जिसकी प्राचीन मूर्तियॉ
Ravi Prakash
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बुंदेली दोहा - सुड़ी
बुंदेली दोहा - सुड़ी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हम ने माना अभी अंधेरा है ।
हम ने माना अभी अंधेरा है ।
Dr fauzia Naseem shad
परिवार हमारा
परिवार हमारा
Suryakant Dwivedi
4384.*पूर्णिका*
4384.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुसीबतों को भी खुद पर नाज था,
मुसीबतों को भी खुद पर नाज था,
manjula chauhan
खो गया सपने में कोई,
खो गया सपने में कोई,
Mohan Pandey
गुरु अमरदास के रुमाल का कमाल
गुरु अमरदास के रुमाल का कमाल
कवि रमेशराज
कुछ बातों का ना होना अच्छा,
कुछ बातों का ना होना अच्छा,
Ragini Kumari
पराठों का स्वर्णिम इतिहास
पराठों का स्वर्णिम इतिहास
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
प्यार जताने के सभी,
प्यार जताने के सभी,
sushil sarna
"सुपारी"
Dr. Kishan tandon kranti
मोहब्बत जब होगी
मोहब्बत जब होगी
Surinder blackpen
दो लॉयर अति वीर
दो लॉयर अति वीर
AJAY AMITABH SUMAN
भाई घर की शान है, बहनों का अभिमान।
भाई घर की शान है, बहनों का अभिमान।
डॉ.सीमा अग्रवाल
दिल से निकले हाय
दिल से निकले हाय
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
बचाये रखना तुम प्रेम कुछ उन दिनों के लिए,
बचाये रखना तुम प्रेम कुछ उन दिनों के लिए,
पूर्वार्थ
Loading...