शांति दूत
कबूतर इस पक्षी का नाम
देता है अम्न का पैग़ाम
नभ में यह उड़ता जाता है
बच्चों को खूब लुभाता है
दूर गगन में उड़ जाता था
खत अपनों के पहुंचाता था
कहलाता शांति का वाहक
भोलेपन का यह परिचायक
पांच हजार फीट उड़ जाता
शाम को निज ठिये पर आता
साफ जगहों पर करता बसर
पुरानी इमारत इसका घर
गर आए नहीं असमय काल
जीवन होता इसका छः साल
© अरशद रसूल