शरहद और शहीद,
**सबकुछ शांत,
दूर दूर तक सन्नाटा,
आज फिर शहीद,
हो गया,
माँ भारती तेरा बेटा,
.
माँग उजड़ी,
एक ओर बच्चा हुआ यतीम,
होता नहीं यकीन,
पर क्या करें ?
.
हररोज़ इन शरहदों पर,
क्यों बहता है खून ?
किसी को नहीं है मालूम,
कोई जवाब क्यों नहीं देता,
उस माँ पर क्या गुजरती होगी,
जिसका लाल नहीं
लाश है घर आती,
.
कुछ का मतलब तो मज़हब होता है,
कुछ के मनसूबे ..गंदे होते है,
कुछ …चोर डाकू लुटेरे होते है,
कुछ शिकार राजनीति के होते है,
.
क्या नहीं ?
कोई बीच में रास्ता ?
जो बच सके ..एक माँ का बेटा !
सजी रहे जो
एक सुहागिन के माथे कि माँग,
बिछुड़े न कभी,
टूटे न कभी,
उजड़े ना कभी किसी का संसार,
सदा अमर रहे.. माँ भारती तेरा प्यार,
.
जयहिंद
जय भारत,
वंदेमातरम्