शहीद उधम सिंह नमन तुम्हें
जन्मे सन निन्यानवे, पौष माह छब्बीस
अल्प आयु पाए उधम*, केवल इकतालीस
बचपन में ही उठ गया, मात-पिता** का हाथ
उधम-साधु सिंह*** हो गए, देखो हाय! अनाथ
जलियाँवाला बाग़ में, भून दिए क्यों लोग
इस घटना का उम्रभर, उधम किये थे सोग
जलियाँवाले बाग़ का, था ये मात्र विकल्प
डायर से प्रतिशोध ले, पूर्ण करो संकल्प
इक्कीस वर्ष बाद जब, उधम गए परदेश
डायर को छलनी किया, यूँ काट दिया क्लेश
डायर से बदला लिया, भारत माँ का लाल
वीर उधम तू धन्य है, बना दुष्ट का काल
इकतीस जुलाई दिवस, फाँसी चढ़े सहर्ष
वीर उधम भूले नहीं, हम तेरा संघर्ष
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*शहीद उधम सिंह — 26 दिसंबर 1899 ई. को पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम गाँव में उधम सिंह जी का जन्म हुआ और 31 जुलाई 1940 ई. को उन्हें पेंटनविले जेल, लन्दन (इंग्लैंड) में फांसी दे दी गई।
**मात-पिता — सन 1901 में उधमसिंह की माता और 1907 में उनके पिता का निधन हो गया। इस घटना के चलते उन्हें अपने बड़े भाई के साथ अमृतसर के एक अनाथालय में शरण लेनी पड़ी।
***उधम-साधु सिंह — उधमसिंह का बचपन का नाम शेर सिंह और उनके भाई का नाम मुक्तासिंह था जिन्हें अनाथालय में क्रमश: उधमसिंह और साधुसिंह के रूप में नए नाम मिले। इतिहासकार मालती मलिक के अनुसार उधमसिंह देश में सर्वधर्म समभाव के प्रतीक थे और इसीलिए उन्होंने अपना नाम बदलकर राम मोहम्मद सिंह आजाद रख लिया था जो भारत के तीन प्रमुख धर्मों का प्रतीक है।