शहीदों के नाम
अमर शहीदों पर शब्दों के
दो फूल चढ़ाते हैं
जो मातृभूमि पर
हँस हँस कर अपना सिस चढ़ाते हैं
लड़ने वाले ने क्या खूब लड़ा
चंद्रशेखर और भगत सिंह कोई बोस कहाते हैं
हूं नतमस्तक उन मां के वीरों पर
जो पुलवामा के शरहद पर कट जाते हैं
हम क्या जाने उस विधवा की पीड़ा
जिसका पति शरहद पर मर जाते हैं
कौन जवाब दे उस नन्हे बालक को
पूछता मां से, तिरंगे में कौन लिपट के आते हैं
किया कुरवान जीवन को जिसने
इस धरा पर,उसकी गाथा गाते हैं
अमर शहीदों पर शब्दों के दो फूल चढ़ाते हैं….