शहादत
सुनो।!!!
कर्बला सिर्फ मातम नहीं शहीदों का
गम नहीं सिर्फ अहले- बैतो का…
ये वो सनिहा है
जो देता है हमें
हक़्क़ो-सदक़ात
और वफ़ा का पैगाम
भूख और प्यास में
सब्र का मुक़ाम
सुनो!!!
झूठ और बुराई के आगे
सर ना झुकाना
चाहे जान देकर
भी पढ़े इस् की
क़ीमत को चुकाना..
कुछ भी हो जाए
फिर भी
तुम हक और सदाकत की
राह पर खुद को चलाना..
सुनो!!!
ये इम्तहाने सब्र था
मुश्किल का था जमाना
लाज़िम था
ज़ुरुरी था
नाना का दीन बचना
हरगिज़ क़ुबूल नहीं था
यज़ीद से हाथ मिलाना
मंजूर था
मेरे हुसैन(अ.स.)को
सजदे में सर रख कर
सर को कटाना……
सजदाये-शब्बीरी…अल्लाहो अकबर…
सलाम ..यबने-रसूलुल्ला …… शबीनाZ