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7 Oct 2023 · 1 min read

शहर में बिखरी है सनसनी सी ,

शहर में बिखरी है सनसनी सी ,
कुछ माहौल भी गमजदा सा है ।
मेरी आंखें हैं शमशान जैसी ,
ख्वाब फिर से कोई मरा सा है ।

मंजू सागर
गाजियाबाद

1 Like · 2 Comments · 229 Views
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