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25 May 2024 · 2 min read

शहर और गाँव

ये शहर है मेरा गाँव नहीं
यहाँ ऊँचे पहाड़ों की जगह
उच्ची इमारतें नजर आती हैं
यहाँ हर वस्तु आसानी से मिल जाती है
यहाँ सब हैं बस सुकून आराम नहीं
क्योंकि ये शहर है मेरा गाँव नहीं ।

हर चीज की यहाँ कीमत लगाई जाती है,
शहर आकर समझ आता है ,
दुनिया में हर चीज़ खरीदी बेची जाती है,
चाहे हो लोग या हो उनकी सोच
यारों यहाँ तो इंसानियत भी बिक जाती है
क्योंकि ये शहर है मेरा गाँव नहीं ।

वह गंगा माँ जिसमें पाप धोए जाते हैं
वो भी यहाँ तक आते आते , मेली हो जाती हैं
यहाँ स्वच्छ जल की अक्सर कमी पाई जाती हैं,
क्योंकि ये एक शहर है मेरा गाँव नहीं।

नन्ही चिड़िया जब बनाए घोसला
गाँव में किसी के घर
तो कहते हैं खुशहाली बरकत घर आती हैं ,
और जो बनाए चिड़िया घोसला
शहर में किसी के घर
तो बेचारी अगले ही पल बेघर हो जाती हैं
क्योंकि ये शहर है मेरा गाँव नहीं ।

यहाँ लोग भोर का आनंद उठाने हेतु नहीं
काम पर जाने हेतु उठा करते हैं,
मानो बचपन से ही,
मतलबी दुनिया की भाग दौड़ में
अव्वल आने हेतु जीया मरा करते हैं ,
क्योंकि ये शहर है मेरा गाँव नहीं ।

यहाँ लोग बात भी मतलब से ही किया करते हैं,
सारे रिश्ते नातों को,
फायदे के तराजू में तोल दिया करते हैं ,
वो हर शख्स के बाहरी उह्दे अनुसार
कीमत रख दिया करते हैं,
उफ़ मुझे ये शहरी गणित समझ नहीं आती
मुझे इंसानियत में खरीदी बिक्री करनी नहीं आती
ना आता है रिश्तों को तोलना किसी अलग तराजू में
क्योंकि मैं गाँव से हूँ शहर से नहीं।

❤️ सखी

Language: Hindi
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