शर्म करो …
शर्म करो …
तुममें है बस इतनी क़ाबलियत ,
की तुम्हें बस हंगामा करना आता है,।
तोड़-फोड़कर ,आगजनी कर,
राष्ट्रिय संपत्ति का नुकसान करना आता है,।
आरक्षण के बहाने ज़रुरतमंदों / गरीब ,बेसहारा लोगों का हक छिनते हो ,
शर्म नहीं आती ?
हिम्मत है तुममें तो खुद को काबिल बनाओ ,
वरना तुम्हारे जैसे कुकृत्य करने वाला ,
इंसान नहीं ,शैतान कहलाता है.।