शर्त
चलो
शर्त लगी कि
वह मान जायेगी
जिन्दगी भर के लिए
मेरी हमराज बनेगी
मेरा हाथ अपने हाथ में
थामेगी और
चांद के पार
मेरे साथ सैर पर जायेगी
चलो शर्त लगी कि
वह गर राजी हुई तो
मैं अपना सब कुछ उस पर
वार दूंगा
उसे अपने से भी ज्यादा
प्यार, मान सम्मान और
रोज नई उपहार दूंगा
जिन्दगी जीना उसे
सिखाऊंगा
जीवन का नहीं कोई अर्थ
प्रेम के बिना
यह बताऊंगा।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001