“शरीफ कम, समझदार ज्यादा हो गए हैं लोग ll
“शरीफ कम, समझदार ज्यादा हो गए हैं लोग ll
मजबूर कम, मक्कार ज्यादा हो गए हैं लोग ll
गलतियां गलती से, गुनाह शौक से करते हैं,
गलत कम, गुनहगार ज्यादा हो गए हैं लोग ll
झूठ बोलने की किसी बीमारी से ग्रसित हैं,
बहादुर कम, बीमार ज्यादा हो गए हैं लोग ll
घमंड इतना की खुद को अमर समझ रहे हैं,
आदमी कम, अवतार ज्यादा हो गए हैं लोग ll
अपनी अश्लीन हरकतों को अदाकारी कहते हैं,
काबिल कम, कलाकार ज्यादा हो गए हैं लोग ll”