— शराब है यह सरकार —
शराब की फितरत है
लडखडाना
शराबी पिए तो
लडखडा जाए
न पिए तो
सरकार ही लडखडा जाए
दोनों का काम नही चलेगा
इस को पिए बिना
शराबी तो जीने के लिए पिए
और सरकार ….
शराबी को पिलाने के लिए
बडबडाये
ताकि देश में यह बर्बाद हो जाए
और देश में मुद्रा भागी चली आये
बहुत बड़ी विडम्बना
है नहीं मिलेगा इस का समाधान
जिस के घर नही खाने को दाने
वो भी खड़ा शराब की दूकान
आ जाए घर में अगर मेहमान
शराब की दावत से ही करते हैं गुणगान
वाह रे सरकार
न जाने कब करेगी इस चीज का समाधान
अजीत कुमार तलवार
मेरठ