शराब मुझको पिलाकर तुम,बहकाना चाहते हो
(शेर)- पिलाकर शराब मुझको तुम, अगर राज मालूम करते हो।
हाँ, मैं नशे में हूँ मगर होश में हूँ मैं, तुम मुझको नहीं जानते हो।।
—————————————————
शराब मुझको पिलाकर तुम, बहकाना चाहते हो।
कोई करार मुझसे नशे में तुम, करवाना चाहते हो।।
शराब मुझको पिलाकर——————-।।
यह तुम्हारा वहम है, मैं हूँ नशे में, नहीं है होश।
मुझसे नशे में कोई राज तुम, जानना चाहते हो।।
शराब मुझको पिलाकर—————–।।
तुमको तो मालूम है कि, झूठ नहीं मैं कहता हूँ।
मेरी शराफत का फायदा तुम, उठाना चाहते हो।।
शराब मुझको पिलाकर—————–।।
पूछते हो हाथ रखकर, अपनों से रिश्तों की बातें।
ऐसी महफ़िलों में मुझको तुम, मिटाना चाहते हो।।
शराब मुझको पिलाकर—————-।।
जानते हो मेरी कमजोरी, मैं बहुत हूँ जज्बाती।
अपने लिए मुझको हथियार, तुम बनाना चाहते हो।।
शराब मुझको पिलाकर—————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)