शराब खान में
शराब खान में
मुझे शैतान से बचाने में।
फरिश्ते आयें रिन्द खाने में ।।
जाम सांसें है वक्त पीता है।
इस बदन के शराब खाने में।।
नशा मेरा बहुत जरूरी है।
रब की कुछ गलतियां छुपाने में ।।
नशा है वालिदैन का शामिल।
हमारे इश्क के फसाने में ।।
दबा नहीं है उसे बस पी जा।
बगर जायेगी मैं हिलाने में ।।
अगर पीना है उसे जल्दी पी।
घरा क्या तकल्लुफ दिखाने में ।।
बदले मेहनत के मैं पिला देना।
यही काफी है मेहनताने में ।।
सच को बोला है हमने मैं पीकर ।
कहां हिम्मत थी ये जमाने में।।
झूमकर गिरना ही इबादत है।
मेरी पूजन शराब खाने में ।।