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2 Jan 2020 · 1 min read

— शराब और शबाब —

शराब ने उजाड़ दिए न जाने कितने घर
शबाब ने उस में रंग भर दिया
अच्छा खासा चलता था इंसान
इन दोनों ने उस को पस्त कर दिया !!

खो गया सुध बुध वो अपनी
करने चल दिया बस मनमानी
घर तक उजाड़ लिया खुद अपना
इस शराब ने कर दी बेमानी !!

नहीं सूझता कुछ पीने वाले को
जब शराब चढ़ सर करती नादानी
टूटता है दिल जब किसी से
मुख मोड़ चलता शबाब की बन दीवानी !!

कितना सुन्दर तन दिया था रब ने
आयी जवानी होने लगी बस शैतानी
मत कर बर्बाद घर और जवानी अपनी
वक्त बीतने पर कदर करेगा ओ धरती के प्राणी !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
569 Views
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