Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2020 · 1 min read

शराबी

जब पहला घूँट शराब का साथियों संग गटका
जब पहली बार घर लौटने का रास्ता मैं भटका
नशे का पहला बादल जब मेरे सर पे मंडराया
और कड़वे से उस पानी ने जब मुझको बहकाया
मैं अपना हाल समझ सकूँ उस हाल में नहीं था
लड़खड़ाती हुई ज़ुबाँ थी, और होश कहीं पे था ।
कुछ रोज़ गुज़रे तो अब जाम एक आम सी बात थी
सूखे सूखे दिन थे मेरे और झूमती-भीगती सी रात थी
बदन अब मेरा नशे का किरायेदार हो चुका था
मैंने यार बनाएँ मैख़ाने में, बस घर के रिश्ते खो चूका था।
कुछ और वक़्त गुज़रा तो ज़िस्म ढीला सा लटकने लगा
मैं भी ज़िद्दी था बड़ा, अब और ज़्यादा गटकने लगा।
जिगर सड़ गया मेरा , साँसे उखड़ने लगी
मुझे फिर भी था पीना, तलब अब भी थी जगी जगी
बदन ठंडा सा पड़ने लगा, नज़र ओझल सी होने लगी
मेरे माँ बाप , मेरे बच्चे ,मेरी बीवी भी रोने लगी।
मेरी नसों में अब खूँन की रवानी रुक सी गई
जीभ सूखी मेरी , पलके भारी सी हो गई
ताबीजों में अब उतनी ताकत कहाँ बची थी
मेरी साँसों की जायदाद लम्हों में बची थी
मेरे अपनों को मेरा बचना, अब नामुमकिन सा लगा
मेरी आखिरी ख़्वाहिश पूछना ही, सबको सही सा लगा
मुझे पूछा की दिल की आखिरी हसरत तो बता दो
मैं मर गया कहते हुए,
दो घूँट तो पिला दो, दो घूँट तो पिला दो।

©johnnyahmed’क़ैस’

Language: Hindi
5 Likes · 3 Comments · 595 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कू कू करती कोयल
कू कू करती कोयल
Mohan Pandey
ज़िन्दगी - दीपक नीलपदम्
ज़िन्दगी - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ईमान
ईमान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
माटी
माटी
जगदीश लववंशी
तेरी इबादत करूँ, कि शिकायत करूँ
तेरी इबादत करूँ, कि शिकायत करूँ
VINOD CHAUHAN
चिंगारी
चिंगारी
Dr. Mahesh Kumawat
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
वफ़ा की कसम देकर तू ज़िन्दगी में आई है,
वफ़ा की कसम देकर तू ज़िन्दगी में आई है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Uljhane bahut h , jamane se thak jane ki,
Uljhane bahut h , jamane se thak jane ki,
Sakshi Tripathi
प्यार का उपहार तुमको मिल गया है।
प्यार का उपहार तुमको मिल गया है।
surenderpal vaidya
दोहा त्रयी. . . . शमा -परवाना
दोहा त्रयी. . . . शमा -परवाना
sushil sarna
मुझे भाता है
मुझे भाता है
हिमांशु Kulshrestha
जीवन और जिंदगी में लकड़ियां ही
जीवन और जिंदगी में लकड़ियां ही
Neeraj Agarwal
नाचेगी धरती, झुमेगा गगन,
नाचेगी धरती, झुमेगा गगन,
Shashi kala vyas
#लेखन कला
#लेखन कला
Radheshyam Khatik
रुपया-पैसा -प्यासा के कुंडलियां (Vijay Kumar Pandey pyasa'
रुपया-पैसा -प्यासा के कुंडलियां (Vijay Kumar Pandey pyasa'
Vijay kumar Pandey
आप कभी 15% मनुवादी सोच को समझ ही नहीं पाए
आप कभी 15% मनुवादी सोच को समझ ही नहीं पाए
शेखर सिंह
😊बोलो😊
😊बोलो😊
*प्रणय*
अब बस हमारे दिल में
अब बस हमारे दिल में
Dr fauzia Naseem shad
ऐ मेरी जिंदगी
ऐ मेरी जिंदगी
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
23/160.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/160.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"तुझे चाहिए क्या मुझमें"
Dr. Kishan tandon kranti
भगवा रंग में रंगें सभी,
भगवा रंग में रंगें सभी,
Neelam Sharma
हर जौहरी को हीरे की तलाश होती है,, अज़ीम ओ शान शख्सियत.. गुल
हर जौहरी को हीरे की तलाश होती है,, अज़ीम ओ शान शख्सियत.. गुल
Shweta Soni
*जन्मभूमि है रामलला की, त्रेता का नव काल है (मुक्तक)*
*जन्मभूमि है रामलला की, त्रेता का नव काल है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
आदमी का मानसिक तनाव  इग्नोर किया जाता हैं और उसको ज्यादा तवज
आदमी का मानसिक तनाव इग्नोर किया जाता हैं और उसको ज्यादा तवज
पूर्वार्थ
रहो तुम स्वस्थ्य जीवन भर, सफलता चूमले तुझको,
रहो तुम स्वस्थ्य जीवन भर, सफलता चूमले तुझको,
DrLakshman Jha Parimal
घर आना दोस्तो
घर आना दोस्तो
मधुसूदन गौतम
Loading...