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5 Apr 2019 · 1 min read

शरमाना तुम

गीत वफा के गाना तुम
सपनों में खो जाना तुम

माटी के यह बने घरौंदे
रिश्ते नाते सब हैं झूठे।
आहट से हिलती दीवारें
आने से तेरे ना टूटे।।

गिर ना जाए दीवारो दर
दबे पांव ही आना तुम।
गीत वफा के गाना तुम
सपनों में खो जाना तुम।।

शर्म हया भी बची कहां अब
तुम जिसको हो रखे समेटे।
बेशर्मी-बेहया ज़िन्दगी
खुद अपने ही कान उमेठे।।

शरमाकर ऐसे क्या जीना
मिलना तो शरमाना तुम।
गीत वफा के गाना तुम
सपनों में खो जाना तुम।।

स्वारथ में डूबी है दुनिया
बात वफा की झूठी लगती।
भूखी बिटिया बनी सभ्यता
भूखे पेट रातभर जगती।।

जिससे दिल का मिटे अंधेरा
ऐसे दीप जलाना तुम।
गीत वफा के गाना तुम
सपनों में खो जाना तुम।।

मैंने तृषित इस जीवन से
क्या खोया है क्या पाया है।
क्या देखा, क्या तुम्हें बताऊं
क्या है जो मुझको भाया है।।

है मतलब मेरी खुशियों से
तो दे जाना हरजाना तुम।
गीत वफा के गाना तुम
सपनों में खो जाना तुम।।

विजय “बेशर्म”
प्रतिभा कॉलोनी गाडरवारा
जिला नरसिंहपुर
9424750038

Language: Hindi
Tag: गीत
574 Views
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