शरद पूर्णिमा
अश्विन मास अंत होने पर, शरद पूर्णिमा है आयी
सोलह कलाओं से परिपूर्ण,शशि ने है झलक दिखाई
सुन्दर शीतल है मनमोहक, लगता है कितना प्यारा
खिला हुआ है तारों के संग, लगता है कितना न्यारा
राधा के संग आज कन्हैया, मधुवन में रास रचाये
चन्द्र निशा में किरणों से है, शुभ अमृतरस बरसाए
रात मनोहर दृश्य देखकर, दिल में सुकून सा आया
मदमस्त पवन का एक कही, से ठंडा झोंका आया
अभिनव मिश्र” अदम्य