Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2024 · 2 min read

शरद जोशी (एक अनूठे व्यंग्य रचनाकार)

शरद जोशी का जन्म 21 मई 1931 को उज्जैन में हुआ था। अपने आप में वे अनूठे व्यंग्य रचनाकार थे। शरद जोशी जी पहले व्यंग्य नही लिखते थे। वे अपनी आलोचकों से खिन्न होकर व्यंग्य लिखना शुरू किए।
उन्होंने एक जगह लिखा है- ” लिखना मेरे जीवन जीने की तरकीब है। इतना लिख लेने के बाद अपने लेख को देख मैं यही कह पाता हूं कि चलो इतने वर्ष जी लिया।
यह नही होता तो इसका क्या विकल्प होता अब सोचना कठिन है। लेखन मेरी निजी उद्देश्य है।
शरद जी की कविता ‘जो हम मां है।

जो हम माँ हैं’ (कविता)

एक बनारस साज़िश पहुँचे।
स्टेशन पर उतरे ही थे कि एक लड़का दौड़ता हुआ आया।
‘मामाजी! ‘माँजी!’ – लड़के ने लपक कर चरण छुआ।

वे पहताने नहीं। बोले – ‘तुम कौन?’
‘मैं माँगता हूँ। आप मुझे नहीं पहचान रहे हैं?’

‘मुन्ना?’ वे देखें।
‘हां, निश्चिंत। भूल गयी आप माँजी! खैर, कोई बात नहीं, इतने साल भी तो हो गए।’

‘तुम यहाँ कैसे?’
‘मैं देखता हूँ।’
‘अच्छा।’
‘हाँ।’
मामाजी अपने भांजे के साथ घूमने लगे।
चलो, कोई साथ तो मिला। कभी यह मंदिर, कभी वह मंदिर।

फिर पहुँचे गंगाघाट। सोचा, लें ना।
‘मुन्ना, ना लें?’
‘जरूर नाहा मामाजी! ‘बनारस आए हैं और नहाएंगे नहीं, यह कैसे हो सकता है?’

मामाजी ने गंगा में खोजी। हर-हर गंगे।
बाहर निकला तो सामान गायब, कपड़े गायब! लड़का… प्रेमी भी भूल गया!

‘मुन्ना… ए नन्हे!’
मगर इंजीनियर वहाँ हो तो मिले। वे प्रतिपक्ष लपेटे हुए हैं।
‘क्यों भाई साहब, आपके प्यारे को देखा है?’
‘कौन सा?’
‘वही हम माँ हैं।’
‘मैं समझा नहीं।’

‘अरे, हम मामा तो वो हैं।’
वे लाइसेंसी यहाँ से वहाँ दौड़ते रहे। असली नहीं मिला।
भारतीय नागरिक और भारतीय वोटरों के रिश्ते हमारी यही स्थिति है मित्रो!

चुनाव के सीज़न में कोई भी आता है और हमारे स्टेज में गिर जाता है।
मुझे चुनाव के उम्मीदवार के रूप में आलोचना न करें।
होने वाला एम.पी. मुझे नहीं बताता?
आप पेजतंत्र की गंगा में विकल्प चाहते हैं।

बाहर जाने पर आप देख रहे हैं
कि वह जो कल आपका चरण छूता था,
आपका वोट लेकर चला गया।
एंटरटेनमेंट की पूरी पेटी लेकर आया भाग।

विपक्ष के घाट पर हम अनारक्षित लपेटे हुए हैं।
सबसे पूछ रहे हैं – क्यों साहब, वह आपको कहां नजर आया?
अरे वही, जिससे हम वोटर्स हैं। वही, जिससे हम माँ हैं।
पाँचवें साल इसी तरह के नए नाम सामने आते हैं।
जय हिंद

Language: Hindi
2 Likes · 73 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
24--- 🌸 कोहरे में चाँद 🌸
24--- 🌸 कोहरे में चाँद 🌸
Mahima shukla
दामन जिंदगी का थामे
दामन जिंदगी का थामे
Chitra Bisht
*कण-कण में तुम बसे हुए हो, दशरथनंदन राम (गीत)*
*कण-कण में तुम बसे हुए हो, दशरथनंदन राम (गीत)*
Ravi Prakash
अच्छा लिखने की तमन्ना है
अच्छा लिखने की तमन्ना है
Sonam Puneet Dubey
दिल एक उम्मीद
दिल एक उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
इस हसीन चेहरे को पर्दे में छुपाके रखा करो ।
इस हसीन चेहरे को पर्दे में छुपाके रखा करो ।
Phool gufran
3261.*पूर्णिका*
3261.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैंने जलते चूल्हे भी देखे हैं,
मैंने जलते चूल्हे भी देखे हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मीनाबाजार
मीनाबाजार
Suraj Mehra
मोल
मोल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
■ प्रणय का गीत-
■ प्रणय का गीत-
*प्रणय*
मैं इस दुनिया का सबसे बुरा और मुर्ख आदमी हूँ
मैं इस दुनिया का सबसे बुरा और मुर्ख आदमी हूँ
Jitendra kumar
ज़िन्दगी नाम है चलते रहने का।
ज़िन्दगी नाम है चलते रहने का।
Taj Mohammad
बख़ूबी समझ रहा हूॅं मैं तेरे जज़्बातों को!
बख़ूबी समझ रहा हूॅं मैं तेरे जज़्बातों को!
Ajit Kumar "Karn"
कविता -नैराश्य और मैं
कविता -नैराश्य और मैं
Dr Tabassum Jahan
🚩अमर कोंच-इतिहास
🚩अमर कोंच-इतिहास
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
वसंत की बहार।
वसंत की बहार।
Anil Mishra Prahari
"सिक्का"
Dr. Kishan tandon kranti
आँचल की छाँह🙏
आँचल की छाँह🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
रेत और जीवन एक समान हैं
रेत और जीवन एक समान हैं
राजेंद्र तिवारी
काम
काम
Shriyansh Gupta
तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का ...
तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का ...
Sunil Suman
अंताक्षरी पिरामिड तुक्तक
अंताक्षरी पिरामिड तुक्तक
Subhash Singhai
दोस्त ना रहा ...
दोस्त ना रहा ...
Abasaheb Sarjerao Mhaske
ତୁମ ର ହସ
ତୁମ ର ହସ
Otteri Selvakumar
भारत के राम
भारत के राम
करन ''केसरा''
इस बरखा रानी के मिजाज के क्या कहने ,
इस बरखा रानी के मिजाज के क्या कहने ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
झुकना होगा
झुकना होगा
भरत कुमार सोलंकी
ग्रंथ
ग्रंथ
Tarkeshwari 'sudhi'
कुछ तो स्पेशल देख परिंदे।
कुछ तो स्पेशल देख परिंदे।
पंकज परिंदा
Loading...