शरद चंद्रमा से भी सुन्दर
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शरद चंद्रमा से भी सुन्दर,
है मेरा दिलदार।
उस पर वारूँ जीवन अपना,
कर दूँ जान निसार।
उसकी चेहरे से ना हटती है,
मेरी ये निगाहें।
उसके नाम से सजती हूँ मैं,
करूँ सोलह श्रृंगार।
—लक्ष्मी सिंह ?☺
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शरद चंद्रमा से भी सुन्दर,
है मेरा दिलदार।
उस पर वारूँ जीवन अपना,
कर दूँ जान निसार।
उसकी चेहरे से ना हटती है,
मेरी ये निगाहें।
उसके नाम से सजती हूँ मैं,
करूँ सोलह श्रृंगार।
—लक्ष्मी सिंह ?☺