शरण आया ना होता
दुखों ने अगर मुझको सताया ना होता |
तुम्हारी शरण भगवन आया ना होता ||टेक||
दुनियाँ के सारे सुख दुःख तुमने बनाया |
हर जगह चलती है तुम्हारी ही माया |
भान सुख दुःख का कराया ना होता ||1||
तुम्हारी शरण भगवन ||
ऊंच नीच छोटा बड़ा तुमने बनाया |
मुश्किल राहों मे चलना सिखाया ||
मुश्किलों से मै टकराया ना होता ||2||
तुम्हारी शरण भगवन ||
चरण वंदना मै करूँ निशदिन तेरी |
लगाना किनारे डुबती नांव मेरी ||
अगर डुबते को बचाया ना होता ||3||
तुम्हारी शरण भगवन ||
स्वरचित **
डॉ पी सी बिसेन. अनजान.
मोती नगर बालाघाट.म.प्र,