शमा से…!!!
शमा से हौले-हौले पिघल रहे हैं,
महफिल आबाद है, जल रहे हैं !
सजा रखी है लबों पर मुस्कराहट,
आँसू हैं जो आँखों में मचल रहे हैं !!
वो जिन्हें नाज है हमारी मुस्कान पर,
क्या जाने हम दर्द हँसी में बदल रहे हैं !!!
रचनाकार :- कंचन खन्ना,
मुरादाबाद, (उ०प्र०, भारत)।
सर्वाधिकार, सुरक्षित (रचनाकार)।
दिनांक :- ०४.०७.२०२०.