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13 Jun 2024 · 1 min read

शब-ए-सुखन भी ज़रूरी है,

शब-ए-सुखन भी ज़रूरी है,
गर ज़िंदगी जीना ज़रूरी है

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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