हाइकु– “पक्षी”?????
,हाइकु– ??”पक्षी”??
पेड़ पे पक्षी,
रोज चहचहाते ,
कैसे उड़े ये।
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कोई तो उसे,
बुलाते जरूर हैं,
ऐसा नहीं है।
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ये पक्षीराज,
आखिर कहां रहे,
टूटा घोंसला।
स्वरचित सह मौलिक;
…………✍️ पंकज “कर्ण”
…………….कटिहार।।
१९/६/२०२१