*शब्दों मे उलझे लोग* ( अयोध्या ) 21 of 25
शब्दों मे उलझे लोग
( अयोध्या )
कैसे समझेंगे ईश्वर को
शब्दों मे उलझे लोग ?
हृदय की खामोशियाँ
उन्हें सुनाई नहीं देती…
जीवन भर लहरों से ही
खेलते रहते है वो ,
तैराकों ने गहराईयां कभी
अजमाई ही नहीं होती …
पिघला सदियों का दुख
राम नाम की आंच से
वर्ना आंखों मे इस तरह
नमी दिखाई नहीं देती…
धुल गईं उदासीयां
खिल गए मन कमल
श्रद्धा की गूंज मे कुतर्क
सुनाई ही नहीं देती …
बदल गया है नज़रिया
बदले जीवन के मायने
ना होता अगर अयोध्या
जगमगाई नहीं होती …
– क्षमा उर्मिला