शब्दों की मशाल
मशाल शब्दों की जलाओ तो कोई बात बने
मंदिर पढ़ाई के बनाओ तो कोई बात बने
ज़िंदगी को पढ़ाई से रोशन करना होगा
हर कोई को शिक्षा मिले , तो कोई बात बने
शिक्षा से मिटे ग़ुरबत का कलंक
लड़कियाँ शिक्षा की मशाल बने तो कोई बात बने
शब्दों पर अधिकार के कुछेक को मंज़ूर नहीं
ये हक़ हर ग़रीब के हर घर पहुँचे तो काम बने
डा राजीव “सागरी”