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30 Jul 2024 · 1 min read

शब्दों की मशाल

मशाल शब्दों की जलाओ तो कोई बात बने
मंदिर पढ़ाई के बनाओ तो कोई बात बने

ज़िंदगी को पढ़ाई से रोशन करना होगा
हर कोई को शिक्षा मिले , तो कोई बात बने

शिक्षा से मिटे ग़ुरबत का कलंक
लड़कियाँ शिक्षा की मशाल बने तो कोई बात बने

शब्दों पर अधिकार के कुछेक को मंज़ूर नहीं
ये हक़ हर ग़रीब के हर घर पहुँचे तो काम बने

डा राजीव “सागरी”

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