शनि देव
शनि देवाय नमः(दुर्मिल सवैया )
यह भक्त पुकारत है शनि को प्रभु उत्तम भाव सदा रखना।
नित आत्म समर्पण है करता इसका हर कष्ट सदा हरना।
प्रिय मानस पूजन नित्य करे शरणागत के दिल की सुनना।
तुम हो करुणाकर सिंधु महा शनि देव कृपा करते रहना।
शनिवार सदा शुभवार बने शुभ अंक बने शिव गंग लगे।
दिल में प्रिय श्यामल कृष्ण दिखें शनि लोक सदा प्रिय रंग लगे।
शिव राघव हो कर दान करो शनि देव सुधाकर भाव रखो।
मधु प्रेम सुपंथ मिले प्रभु जी अति उर्मिल स्नेहिल शांत दिखो।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।