शक की दीवार
होती शक की
दीवार-ओ-दर
खतरनाक
बर्बाद
कर देती है
हँसते खेलते
परिवार को
कहे पर
विश्वास नहीं
आँखो देखी
सही होती
होता शक
दायरा बड़ा
रखी संकरी
मानसिकता
मिलता मौका
दुश्मन को
होता
पति पत्नी का
रिश्ता ।नाजुक
करते घुसपेठ
लोग बहुत
गर है मजबूत
दीवारें घर की
नहीं घुस सकेगा
शक रिश्तों में
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल