* शक्ति है सत्य में *
** गीतिका **
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शक्ति है सत्य में जब समाहित सदा।
साथ देना जरूरी बहुत सर्वदा।
ये पराजित नहीं है कभी भी हुआ।
है हमेशा रहा साथ मंगल प्रदा।
सत्य जो कोसते रह गये देखिए।
नित्य कर्तव्य जो कर सके न अदा।
सत्य से दूर रहकर मुसीबत मिली।
खूब सहनी पड़ी प्रकृतिक आपदा।
सत्य के साथ अविचल खड़े जो रहे।
कर रही है कृपा मातु प्रिय शारदा।
स्वप्न साकार उनके समय पर हुए।
जो निभाएं हमेशा किया वायदा।
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– सुरेन्द्रपाल वैद्य