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26 Jan 2024 · 1 min read

शक्ति स्वरूपा कन्या

शक्ति स्वरूपा कन्या
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रचनाकार,
, डॉ विजय कुमार कन्नौजे छत्तीसगढ़ रायपुर

ले तलवार निकल पड़ीं, रणक्षेत्र पर महारानी।
देश भक्ति की लगन लगी,खुब लड़ी मर्दानी।।

बाल्यकाल से लगन लगी थी
देश भक्ति पर होने कुर्बान।
खुब लड़ी महारानी, ब्रिटिश से
भारत मां की कन्या संतान ।।

देश भक्ति ,प्रबल इच्छा इनके
रग रग मन में समाई थी ।
आदि शक्ति वनदुर्गा बनकर
दुश्मन का छक्का छुड़ाई थी ।।

तलवार चलाई छकाछक वह
दुश्मन का साहस थर्राया था।
देख रण चंडी नवदुर्गा रूप को
बैरी पसीना खुब बहाया था।।

सम्मान करें हम, कन्या भ्रूण की
भावी भारतीय नारी है।
प्रेम भाव की मुरत, क्रोधाग्नि में
आदि शक्ति भवानी है।।

रूप अनेक होती कन्या का
कर्त्तव्य पालन करती है।
पुरुषों से वह कम नही,पर
मर्यादा पर रहती है।।

था।

Language: Hindi
1 Like · 146 Views

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