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7 Apr 2020 · 2 min read

शक्तिमान

बचपन में जब पेन्सिल पकडकर गोला और सीधी तिरक्षी लाइनें सीखने का दौर था , तब शक्तिमान धारावाहिक को देखकर ये लगता था की ये सब जादू से हो रहा है ,शक्तिमान भइया जादूगर है ,
अधिगम की अगली कड़ी में जब तास की गड्डी से पत्तो के निकालने ,सिक्को को ऊपर उछालकर हेड टेल आने की प्रायिकता निकलने में व्यस्त रहते थे जब कबीरदास जी के दोहे सिर्फ दोहे लगते थे ,ढाई अक्षर प्रेम के पढ़े जो पंडित होय में ढाई अक्षर ही नहीं जानते थे , उस दौर में ये धारावाहिक ऐसा लगता था मानो ये रंगमंच के माध्यम से हमें बेवकूफ बना रहे है कोई मनुष्य आँख बन्दकर के कई किलोमीटर दूर जगह को कैसे देख सकता है ,एक मनुष्य दुसरे के मन की बात कैसे जान सकता है तब गंगाधर ही शक्तिमान है ये धारवाहिक में हो सकता है वास्तविक जीवन में नहीं ,
अधिगम का चक्र बढ़ता गया , जब मुर्शिद – ए – कामिल ने जीवन के सारे भेद को स्पष्ट कर दिया और वो युक्ति बता दी जिससे छुटकारा मिल सकता है ,तब कबीरदास जी के ढाई अक्षर ढूढे मिले और एक एक दोहा जीवन का सार लगने लगा तब ये शक्तिमान धारावाहिक के मूल को समझ पाए की कोई भी मनुष्य आध्यात्म के बल पर अपने शरीर के 7 चक्रों (मूलाधार चक्र ,स्वाधिष्ठान चक्र ,मणिपूर चक्र ,अनाहत चक्र ,विशुद्ध चक्र ,आज्ञा चक्र ,सहस्रार चक्र ) को जाग्रत कर ,शरीर साध कर, साधना कर शक्तिमान के भांति शक्तिशाली हो सकता है बस जरूरत है मन को नियंत्रित करने की जो बहुत बड़ा खेल है यूं कहें यही असली खेल है पर हमें अभ्यासी और प्रयासरत जरूर रहना चाहिए अपने ईष्ट से ये प्रार्थना करनी चाहिए की मेरे मन को नियंत्रित करने की ताकत दें ……
और अंत में एक असली बात की इस देव दुर्लभ मनुष्य मंदिर के बाहर कुछ नहीं है जो है इसी में है गंगा जमुना कासी काबा सब इसी में है कबीर दास जी कहते है वो हमी में है …..
हमन है इश्क मस्ताना, हमन को होशियारी क्या ?
रहें आजाद या जग में, हमन दुनिया से यारी क्या ?

जो बिछुड़े हैं पियारे से, भटकते दर-ब-दर फिरते,
हमारा यार है हम में, हमन को इंतजारी क्या ?

खलक सब नाम अपने को, बहुत कर सिर पटकती है,
हमन हरिनाम रांचा है, हमन दुनिया से यारी क्या ?

न पल बिछुड़े पिया हमसे, न हम बिछड़े पियारे से,
उन्हीं से नेह लागा है, हमन को बेकरारी क्या ?

कबीरा इश्क का नाता , दुई को दूर कर दिल से,
जो चलना राह नाज़ुक है, हमन सर बोझ भारी क्या ?

?????

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Comments · 539 Views
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