वफ़ा के किस्से।
यूँ सवालियां निशान ना लगा मेरे किरदार पर।
जा पढ़ ले जाके आज भी लिखे होंगे मेरी वफ़ा के किस्से हो चुके पुरानें खंडहर की दरों दीवार पर।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍
यूँ सवालियां निशान ना लगा मेरे किरदार पर।
जा पढ़ ले जाके आज भी लिखे होंगे मेरी वफ़ा के किस्से हो चुके पुरानें खंडहर की दरों दीवार पर।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍