वफ़ादार को आजमाना है मुश्किल..!
” वफ़ादार को आजमाना है मुश्किल ”
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122/122/122/122
लगा दाग़ ऐसा मिटाना है मुश्किल,
वफादार को आजमाना है मुश्किल ।
मुझे जिंदगी की समझ आ गयी है,
किसी से यहॉं दिल लगाना है मुश्किल ।
जहाँ देख लो मौत का है नजारा,
तड़पते हुए को बचाना है मुश्किल ।
मुझे तो बता दो कि ग़मगीन क्यों हो,
हुई बात क्या जो बताना है मुश्किल ।
बताओ मुझे “दीप” कैसे हँसें अब,
जहां में जरा मुस्कुराना है मुश्किल ।
दीपक “दीप” श्रीवास्तव