वक़्त
ये वक्त है
कैद कर लो इसे
ये अमरत्व है
रुकता नही है
अपना बना लो
कल ना मिले
वो ना रहे
हम ना रहे
ये वक्त है
घूमता चक्र है
हर कर्म का न्याय है
कर्तव्य का धर्म है
जो लिया
वह मांगता है
जो दिया
उससे तौलता है
जाते हुए
वस यही बोलता है।
ये वक्त है…
ना रखो
उस प्यार को
उस उधार को
लेन-देन की बात को
याद रखता
ये हर व्यवहार को
व्यवहार करता
ये सख्त है
ये वक्त है……
ये वक्त है
घूमता अंतरिक्ष है
जो आज है
होगा कल भी वही
जहाँ से चले
मंजिल भी वही
ये रंगमंच है
बदलते चेहरों का नृत्य है ।
ये वक्त है
विजयपथ है
जीत से हार से
ये बेफ़िक्र है
हर मार्ग पर
ये दौड़ता काल है
ये वक्त है
घूमता चक्र है ।
थकता नही
रुकता नही
ना भगवान से
ना शैतान से
ये डरता नही
आगे बढ़ता करके
पीछे का द्वार बंद
ये वक्त है…
निगलता रहता
हर चीज को
अपनी ही पूँछ को
सूरज सितारों से
अंधेरे उजालो से
पेट भरता दैत्य है
ये वक्त है..