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9 Aug 2020 · 1 min read

वक़्त

इंसान एक कठपुतली है ,जो वक्त के हाथों चलती है
आती जाती सांसों पर ,वक्त की गिनती रहती है
वक्त जब अंगड़ाई लेता है ,सूर्य ग्रहण लग जाता है
वक्त सौदागर होता है ,प्रतिपल जीवन संग खेलता है
समय जब निर्णय करता है ,इंसान सिर्फ बेबस होता है
अपनापन तो हर कोई दिखाता
पर अपना कौन है ये वक्त बतलाता
बिना वक्त की इजाजत के ,कोई काम न जग में होता है
जान यह सच्चाई सब ,क्यूँ व्यर्थ वक्त को खोता है
आदर्श विचारों को जग में
वक्त ने उच्च मुकाम दिलाया है
मुगलों ,अंग्रेजों के दम्भ को
मिट्टी में भी मिलाया है
समय आवाज लगाता है ,असाधारण हूँ बतलाता है
जब वक्त अच्छा होता है ,इंसान सर्वोपरि होता है
बुरा समय जब आता है ,राजा रंक बन जाता है
सोना भी मिट्टी बन जाता है
जीवन में नैराश्य समाता है
इंसान की बिसात ही क्या
समय संम्मुख ,प्रबल पर्वत भी झुक जाता है
नेता की गद्दी छिन जाती है ,बुद्धिमान की मति फिर जाती है
समय नहीं है ठहरा पानी
समय समेटे कई कहानी
याद दिलाए सबकी नानी
समय की सीमा आनी जानी।।

Language: Hindi
2 Likes · 5 Comments · 380 Views
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