“वक़्त”
कल्पनाओं के लोक में अनगिनत ख्वाब देता है,
किसी को कुछ नहीं तो किसी को बेहिसाब देता है,
मेरी खामोशी की वजह पूछी उसने तो मैंने कहा-
बहुत से सवालों के “वक़्त”जवाब देता है।
कल्पनाओं के लोक में अनगिनत ख्वाब देता है,
किसी को कुछ नहीं तो किसी को बेहिसाब देता है,
मेरी खामोशी की वजह पूछी उसने तो मैंने कहा-
बहुत से सवालों के “वक़्त”जवाब देता है।