वक़्त
मैं वक़्त हूँ…….
तेरे अच्छे-बुरे का हिसाब जानता हूँ //
तू कब हँसा, कब रोया,
तेरे पाई-पाई का हिसाब जानता हूँ //
मैं वक़्त हूँ…….
तेरे किए का अंजाम जानता हूँ //
तेरे भूत, वर्तमान से लेकर, भविष्य तक,
सबका अंजाम जानता हूँ //
मैं वक़्त हूँ……
तेरे अपनों से लेकर, सपनो तक,
तेरे संघर्ष से लेकर, सफलता तक,
एक-एक पल का हिसाब जानता हूँ //
हाँ.. मैं वक़्त हूँ साहब…..
तेरे बाहर की खामोशी से लेकर, हल चल तक,
तेरे भीतर क्या चल रहा है….
मैं वो सब जानता हूँ…… //
:~ श्रेयस सारीवान