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17 Aug 2016 · 1 min read

वक़्त और मैं

वक़्त और मैं

१.

अधूरी ख्वाहिशें पूरा करने की बारी है

वक़्त से मेरी इतनी सी जंग जारी है

२.

वक़्त से एक जंग लड़ रहा हूँ मैं

अधूरी ख्वाहिशों को पूरा करने की

३.

वक़्त की आँधियाँ मुझे आजमा रही हैं

मैं अपने ही ख्वाब सजाने में मशगूल हूँ

४.

वक़्त के थपेड़े मेरे कदम डगमगा रहे हैं

मैं हूँ की बिना डिगे ही बढ़े जा रहा हूँ

५.

समय मेरे इम्तिहान पर इम्तिहान ले रहा है

मैं भी बराबर हर इम्तिहान में पास हो रहा हूँ

६.

समय की धारा ज़रा तेज चल रही है

मुझे बहाव के विरुद्ध रास्ता बनाना है

७.

मेरी छोटी सी कश्ती है ऊंचे ऊंचे ख्वाब हैं

वक़्त के समंदर में छुपे बड़े बड़े सैलाब हैं

८.

उछाल रही हैं वक़्त की लहरें मेरी कश्ती को

मैंने बड़े जतन से पतवार को सम्हाल रखा है

९.

बड़े बड़े ख्वाब संजोये हैं मैंने दिल में

वक़्त से थोड़े से वक़्त की दरकार है

१०.

बड़ी बेरहम होती हैं वक़्त की हवाएं भी

जब ज़रुरत हो अपना रुख बदल लेती हैं

११.

वक़्त के हाथों का खिलौना हूँ

मैं खुद को ही तलाश रहा हूँ

१२.

वक़्त का चाबुक बड़ा ही बेरहम है

यादों के गहरे निशाँ छोड़ जाता है

13.

धीरे धीरे सरक रहा है वक़्त मुट्ठी से

मैं कतरा कतरा खुद को बचा रहा हूँ

१४.

ऐ वक़्त थम जा जरा मेरे लिए

मेरी ज़िन्दगी पीछे छूट गयी है

“सन्दीप कुमार”
१६.०८.२०१६

Language: Hindi
Tag: शेर
4 Comments · 861 Views
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