Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Dec 2017 · 1 min read

व्रद्धाश्रम पहुंचे एक दम्पति के दुख

व्रद्धाश्रम पहुंचे एक दम्पति के दुख को व्यक्त करने की कोशिश, जिसने एक घर बनाया था ये सोचकर की उसका बेटा उसका सहारा बनेगा….
©लेखिका – जयति जैन “नूतन”

ना जाने कितने सपनों को जोडा,
ना जाने कितने सपनों को तोडा,
तब जाकर एक आशियां बनाया था !
नन्हे कदमो से तुमने जब दस्तक दी थी,
तब एक सुंदर सज़ीला स्वप्न सजाया था !
वह स्वप्न था तुमसे जुडा हुआ,
बुढापे का सहारा बन बेटा खडा हुआ !
जैसे हाथ थाम मैने चलना सिखाया था,
वह था मेरे लड़खडाये कदमो को थामे हुआ !
भूल थी मेरी…
भटका हुआ था मैं …
जो समझ बैठा
बेटा है तो हर स्वप्न मेरा पूरा हुआ !
जिसके लिये अपनी ख्वाहिशों को अधूरा रखा,
देखा उसे किसी और का बना हुआ !
मां बाप हम पराये थे…
झूठे स्वप्न सराहे थे…
घर से निकल चुके थे…
व्रद्धाश्रम के साये थे …
जिसे बडे होते देख मेरा सपना बडा हुआ ,
बुढापे में मै था गैरों के बीच छोडा हुआ !
बीवी बच्चे इतने भा गये थे,
मां बाप घर से निकाले गये थे !
तब भी होंठो पर दुआ थी ,
खुशियां दूर तक विदा थी !
स्वप्न को लेकर जो आशियां सज़ा था ,
उसका मालिक बेघर हुआ था !
रिश्ता तोड मुन्ह मोड छोडकर जाता हुआ ,
मेरा बेटा व्रद्धाश्रम को मेरा घर बनाता हुआ !

©लेखिका- जयति जैन “नूतन”

Language: Hindi
1 Comment · 358 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सियासत में
सियासत में
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जो शख़्स तुम्हारे गिरने/झुकने का इंतजार करे, By God उसके लिए
जो शख़्स तुम्हारे गिरने/झुकने का इंतजार करे, By God उसके लिए
अंकित आजाद गुप्ता
नाराज नहीं हूँ मैं   बेसाज नहीं हूँ मैं
नाराज नहीं हूँ मैं बेसाज नहीं हूँ मैं
Priya princess panwar
दिल है के खो गया है उदासियों के मौसम में.....कहीं
दिल है के खो गया है उदासियों के मौसम में.....कहीं
shabina. Naaz
मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,
मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,
Yogendra Chaturwedi
' नये कदम विश्वास के '
' नये कदम विश्वास के '
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
रूठ जा..... ये हक है तेरा
रूठ जा..... ये हक है तेरा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।
सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
जय श्रीकृष्ण -चंद दोहे
जय श्रीकृष्ण -चंद दोहे
Om Prakash Nautiyal
जी करता है , बाबा बन जाऊं - व्यंग्य
जी करता है , बाबा बन जाऊं - व्यंग्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
2848.*पूर्णिका*
2848.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कर सत्य की खोज
कर सत्य की खोज
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मैं अपनी खूबसूरत दुनिया में
मैं अपनी खूबसूरत दुनिया में
ruby kumari
1. चाय
1. चाय
Rajeev Dutta
देश खोखला
देश खोखला
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
फुटपाथ
फुटपाथ
Prakash Chandra
बोलो बोलो हर हर महादेव बोलो
बोलो बोलो हर हर महादेव बोलो
gurudeenverma198
"संविधान"
Slok maurya "umang"
" पीती गरल रही है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
उलझी रही नजरें नजरों से रात भर,
उलझी रही नजरें नजरों से रात भर,
sushil sarna
करीब हो तुम किसी के भी,
करीब हो तुम किसी के भी,
manjula chauhan
समाज में शिक्षा का वही स्थान है जो शरीर में ऑक्सीजन का।
समाज में शिक्षा का वही स्थान है जो शरीर में ऑक्सीजन का।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
हादसे
हादसे
Shyam Sundar Subramanian
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जगत का हिस्सा
जगत का हिस्सा
Harish Chandra Pande
* शुभ परिवर्तन *
* शुभ परिवर्तन *
surenderpal vaidya
तुम्हारा दिल ही तुम्हे आईना दिखा देगा
तुम्हारा दिल ही तुम्हे आईना दिखा देगा
VINOD CHAUHAN
मिताइ।
मिताइ।
Acharya Rama Nand Mandal
हवेली का दर्द
हवेली का दर्द
Atul "Krishn"
Loading...