Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Apr 2020 · 1 min read

व्याकरण कविता

व्याकरण कविता
—————————-

हिंदी का है व्याकरण,
भाषा का आचार
हिन्दी व्याकरण काव्य में
लिखते विन्ध्य प्रकाश
तीन अंग है इसमें
वर्ण शब्द वाक्य विचार,
वर्ण ध्वनि का रूप है,
लिपि इसका आकार।
वर्ण अक्षर अविनाशी कहते
इसके तीन प्रकार,
स्वर ग्यारह व्यंजन तैतीस
दो है अयोगवाह।।
हृस्व दीर्घ और प्लुत स्वर हैं
मात्रा के आधार,
जिह्वा की स्थिति पर
स्वर है तीन प्रकार।
अग्र मध्य और पश्च को
जानत है संसार।
वर्णो के सार्थक क्रम को
शब्द से जाना जाय
तीन प्रकार के शब्द हैं
रूढ यौगिक योगरूढ
जन्म के आधार पर
शब्द है पांच प्रवीन
शब्द के समूह से
वाक्य रूप कर लीन
वाक्य भी तीन प्रकार से
सरल मिश्र संयुक्त ।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र

Language: Hindi
2 Comments · 1576 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
यूँ तो बुलाया कई बार तूने।
यूँ तो बुलाया कई बार तूने।
Manisha Manjari
मान तुम प्रतिमान तुम
मान तुम प्रतिमान तुम
Suryakant Dwivedi
अपनी आवाज में गीत गाना तेरा
अपनी आवाज में गीत गाना तेरा
Shweta Soni
बिन उत्तर हर प्रश्न ज्यों,
बिन उत्तर हर प्रश्न ज्यों,
sushil sarna
काश तु मेरे साथ खड़ा होता
काश तु मेरे साथ खड़ा होता
Gouri tiwari
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नारा है या चेतावनी
नारा है या चेतावनी
Dr. Kishan tandon kranti
दुनियां में मेरे सामने क्या क्या बदल गया।
दुनियां में मेरे सामने क्या क्या बदल गया।
सत्य कुमार प्रेमी
दो घूंट
दो घूंट
संजय कुमार संजू
तेरा मेरा साथ
तेरा मेरा साथ
Kanchan verma
दिल में कोई कसक-सी
दिल में कोई कसक-सी
Dr. Sunita Singh
छठ गीत
छठ गीत
Shailendra Aseem
इतने  बीमार  हम  नहीं  होते ,
इतने बीमार हम नहीं होते ,
Dr fauzia Naseem shad
मंजिल
मंजिल
Kanchan Khanna
शुभ गगन-सम शांतिरूपी अंश हिंदुस्तान का
शुभ गगन-सम शांतिरूपी अंश हिंदुस्तान का
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
आज की नारी
आज की नारी
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
*डॉ. विश्व अवतार जैमिनी की बाल कविताओं का सौंदर्य*
*डॉ. विश्व अवतार जैमिनी की बाल कविताओं का सौंदर्य*
Ravi Prakash
कामचोर (नील पदम् के दोहे)
कामचोर (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
नारी तेरे रूप अनेक
नारी तेरे रूप अनेक
विजय कुमार अग्रवाल
UPSC-MPPSC प्री परीक्षा: अंतिम क्षणों का उत्साह
UPSC-MPPSC प्री परीक्षा: अंतिम क्षणों का उत्साह
पूर्वार्थ
हां वो तुम हो...
हां वो तुम हो...
Anand Kumar
।।  अपनी ही कीमत।।
।। अपनी ही कीमत।।
Madhu Mundhra Mull
आज जो तुम तन्हा हो,
आज जो तुम तन्हा हो,
ओसमणी साहू 'ओश'
शहर तुम्हारा है तुम खुश क्यूँ नहीं हो
शहर तुम्हारा है तुम खुश क्यूँ नहीं हो
©️ दामिनी नारायण सिंह
तू बदल गईलू
तू बदल गईलू
Shekhar Chandra Mitra
यादों की है कसक निराली
यादों की है कसक निराली
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
4051.💐 *पूर्णिका* 💐
4051.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
संवेदनहीन
संवेदनहीन
अखिलेश 'अखिल'
मेरा वजूद क्या
मेरा वजूद क्या
भरत कुमार सोलंकी
वो तो है ही यहूद
वो तो है ही यहूद
shabina. Naaz
Loading...