Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jul 2024 · 1 min read

व्यर्थ है मेरे वो सारे श्रृंगार,

व्यर्थ है मेरे वो सारे श्रृंगार,
जो तुम्हें विचलित न कर सकें।

✍️ लक्ष्मी वर्मा ‘प्रतीक्षा’

13 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
■ शुभ महानवमी।।
■ शुभ महानवमी।।
*प्रणय प्रभात*
हाल मियां।
हाल मियां।
Acharya Rama Nand Mandal
ईश्वर का
ईश्वर का "ह्यूमर" - "श्मशान वैराग्य"
Atul "Krishn"
కృష్ణా కృష్ణా నీవే సర్వము
కృష్ణా కృష్ణా నీవే సర్వము
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
गरिमामय प्रतिफल
गरिमामय प्रतिफल
Shyam Sundar Subramanian
हम आगे ही देखते हैं
हम आगे ही देखते हैं
Santosh Shrivastava
आओ शाम की चाय तैयार हो रहीं हैं।
आओ शाम की चाय तैयार हो रहीं हैं।
Neeraj Agarwal
Be careful having relationships with people with no emotiona
Be careful having relationships with people with no emotiona
पूर्वार्थ
*आध्यात्मिक साहित्यिक संस्था काव्यधारा, रामपुर (उत्तर प्रदेश
*आध्यात्मिक साहित्यिक संस्था काव्यधारा, रामपुर (उत्तर प्रदेश
Ravi Prakash
तुमसे ही दिन मेरा तुम्ही से होती रात है,
तुमसे ही दिन मेरा तुम्ही से होती रात है,
AVINASH (Avi...) MEHRA
राहुल की अंतरात्मा
राहुल की अंतरात्मा
Ghanshyam Poddar
संभव है कि किसी से प्रेम या फिर किसी से घृणा आप करते हों,पर
संभव है कि किसी से प्रेम या फिर किसी से घृणा आप करते हों,पर
Paras Nath Jha
जीतना अच्छा है,पर अपनों से हारने में ही मज़ा है।
जीतना अच्छा है,पर अपनों से हारने में ही मज़ा है।
अनिल कुमार निश्छल
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
शामें दर शाम गुजरती जा रहीं हैं।
शामें दर शाम गुजरती जा रहीं हैं।
शिव प्रताप लोधी
"दूर तलक कोई नजर नहीं आया"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
किसी मोड़ पर अब रुकेंगे नहीं हम।
किसी मोड़ पर अब रुकेंगे नहीं हम।
surenderpal vaidya
मालपुआ
मालपुआ
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम
जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम
Dr Tabassum Jahan
मेरे कुछ मुक्तक
मेरे कुछ मुक्तक
Sushila joshi
"मेरी नज्मों में"
Dr. Kishan tandon kranti
उन सड़कों ने प्रेम जिंदा रखा है
उन सड़कों ने प्रेम जिंदा रखा है
Arun Kumar Yadav
हरितालिका तीज
हरितालिका तीज
Mukesh Kumar Sonkar
God O God
God O God
VINOD CHAUHAN
आ जाओ
आ जाओ
हिमांशु Kulshrestha
मेरा दामन भी तार- तार रहा
मेरा दामन भी तार- तार रहा
Dr fauzia Naseem shad
2587.पूर्णिका
2587.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दोस्त ना रहा ...
दोस्त ना रहा ...
Abasaheb Sarjerao Mhaske
ओ मैना चली जा चली जा
ओ मैना चली जा चली जा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
चुरा लेना खुबसूरत लम्हें उम्र से,
चुरा लेना खुबसूरत लम्हें उम्र से,
Ranjeet kumar patre
Loading...