Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Aug 2016 · 1 min read

व्यथा

सूखे पत्तोँ की तरह बिखरा हुआ था मैँ, किसी ने समेटा भी तो केवल जलाने के लिए।

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 524 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Dr Archana Gupta
🌺 Prodigy Love-22🌹
🌺 Prodigy Love-22🌹
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*होली : तीन बाल कुंडलियाँ* (बाल कविता)
*होली : तीन बाल कुंडलियाँ* (बाल कविता)
Ravi Prakash
नैन
नैन
TARAN VERMA
"बहरे अगर हेडफोन, ईयरफोन या हियरिंग मशीन का उपयोग करें तो और
*Author प्रणय प्रभात*
उम्र गुजर जाती है किराए के मकानों में
उम्र गुजर जाती है किराए के मकानों में
करन ''केसरा''
गौरी।
गौरी।
Acharya Rama Nand Mandal
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
गुरु की पूछो ना जात!
गुरु की पूछो ना जात!
जय लगन कुमार हैप्पी
कोशिश करना छोड़ो मत,
कोशिश करना छोड़ो मत,
Ranjeet kumar patre
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...
Vishal babu (vishu)
किरदार
किरदार
Surinder blackpen
"तू-तू मैं-मैं"
Dr. Kishan tandon kranti
हटा 370 धारा
हटा 370 धारा
लक्ष्मी सिंह
तुम्हारा दूर जाना भी
तुम्हारा दूर जाना भी
Dr fauzia Naseem shad
खुद में, खुद को, खुद ब खुद ढूंढ़ लूंगा मैं,
खुद में, खुद को, खुद ब खुद ढूंढ़ लूंगा मैं,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
हर इक सैलाब से खुद को बचाकर
हर इक सैलाब से खुद को बचाकर
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
कहां गए तुम
कहां गए तुम
Satish Srijan
जीतना अच्छा है,पर अपनों से हारने में ही मज़ा है।
जीतना अच्छा है,पर अपनों से हारने में ही मज़ा है।
अनिल कुमार निश्छल
बालगीत :- चाँद के चर्चे
बालगीत :- चाँद के चर्चे
Kanchan Khanna
मौके पर धोखे मिल जाते ।
मौके पर धोखे मिल जाते ।
Rajesh vyas
ठिठुरन
ठिठुरन
Mahender Singh
हैरान था सारे सफ़र में मैं, देख कर एक सा ही मंज़र,
हैरान था सारे सफ़र में मैं, देख कर एक सा ही मंज़र,
पूर्वार्थ
ठण्डी राख़ - दीपक नीलपदम्
ठण्डी राख़ - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दोस्ती.......
दोस्ती.......
Harminder Kaur
पुष्पवाण साधे कभी, साधे कभी गुलेल।
पुष्पवाण साधे कभी, साधे कभी गुलेल।
डॉ.सीमा अग्रवाल
शिक्षक ही तो देश का भाग्य निर्माता है
शिक्षक ही तो देश का भाग्य निर्माता है
gurudeenverma198
*नया साल*
*नया साल*
Dushyant Kumar
वतन में रहने वाले ही वतन को बेचा करते
वतन में रहने वाले ही वतन को बेचा करते
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मन चंगा तो कठौती में गंगा / MUSAFIR BAITHA
मन चंगा तो कठौती में गंगा / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
Loading...